बालोतरा/सिवाना।लंबे समय से पेयजल संकट झेल रहे उपखंड मुख्यालय सिवाना के हजारों लोगों के लिए अब राहत की उम्मीद जग चुकी है। केंद्र व प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी अमृत जल योजना के तहत कस्बे को नया जीवन देने वाला प्रोजेक्ट शुरू कर दिया गया है। इस योजना पर 15.35 करोड़ रुपए की भारीभरकम राशि स्वीकृत की गई है, जिसके तहत 67 किलोमीटर लंबी नई पेयजल पाइपलाइन बिछाई जाएगी और लाखों लीटर पानी संग्रहित करने के लिए बड़े जलाशय बनाए जाएंगे।
वर्षों से पानी की बूंद-बूंद को तरसते लोग
सिवाना कस्बे की सबसे बड़ी समस्या अब तक पेयजल की रही है। स्थानीय निवासियों का कहना है कि कई दशक पहले जो पेयजल लाइन बिछाई गई थी, वह अब पूरी तरह से जर्जर हो चुकी है। जगह-जगह पाइप धंस गए हैं और कई स्थानों पर चोक हो चुके हैं। इस कारण पानी का दबाव इतना कम रहता है कि मुख्य लाइन से जुड़े अंतिम घरों तक तो सिर्फ बूंद-बूंद पानी ही पहुंच पाता है।
गर्मी के मौसम में हालात और ज्यादा बिगड़ जाते हैं। पानी की टंकियों तक पहुंचने से पहले ही अधिकांश लाइनें लीक हो जाती हैं और कई बार लोगों को दो-दो दिन तक इंतजार करना पड़ता है। मजबूरी में उन्हें निजी टैंकर या महंगा पानी खरीदना पड़ता है। यह समस्या विधानसभा क्षेत्र से लेकर कस्बे के हर मोहल्ले और गली तक फैली हुई है।
अब केंद्र और प्रदेश सरकार की ओर से स्वीकृत अमृत जल योजना इस समस्या को स्थायी समाधान देने की दिशा में काम करेगी। योजना के अंतर्गत 67 किलोमीटर दूरी तक नई पाइपलाइन बिछाई जाएगी।
अरट का जाव क्षेत्र में 7 लाख लीटर क्षमता का विशाल जलाशय बनेगा। घड़ोई नाड़ी में 4 लाख लीटर क्षमता की बड़ी टंकी का निर्माण किया जाएगा, कस्बे में 7 लाख लीटर का स्वच्छ जलाशय भी तैयार होगा।
इन सभी निर्माणों से सीधे तौर पर 5916 से ज्यादा घरों को लाभ मिलेगा।
साल 2011 की जनगणना के अनुसार सिवाना की आबादी 24,387 थी। अब डेढ़ दशक में जनसंख्या में हजारों की बढ़ोतरी हो चुकी है। ऐसे में जलापूर्ति की मांग और भी बढ़ गई है। योजना पूरी होने के बाद बढ़ी हुई आबादी के लिए भी पर्याप्त पानी की आपूर्ति सुनिश्चित हो सकेगी।
18 महीने में पूरा होगा काम
अमृत जल योजना के तहत जारी वर्क ऑर्डर के बाद कार्यकारी एजेंसी ने साइट पर काम शुरू कर दिया है। तय प्रावधान के अनुसार 18 महीने के भीतर पूरी परियोजना को पूरा करना अनिवार्य है। काम की रफ्तार को देखते हुए उम्मीद जताई जा रही है कि सिवाना के लोग बहुत जल्द पेयजल संकट से मुक्त होकर घरों तक पर्याप्त दबाव से पानी पा सकेंगे।

