बाड़मेर। जिला मुख्यालय पर कलेक्ट्रेट परिसर में बुधवार को सेना, वायुसेना एवं पुलिस की ओर से काउंटर-टेररिज्म डिमॉन्सट्रेशन का आयोजन किया गया। इस दौरान सुरक्षा बलों ने तत्परता एवं आपसी समन्वय का प्रदर्शन करते हुए आतंकी हमले को नाकाम कर दिया। इमारत में फंसे नागरिकों को सुरक्षित बाहर निकाला गया।

काउंटर-टेररिज्म डिमॉन्सट्रेशन के तहत पुलिस नियंत्रण कक्ष के जरिए सशस्त्र आतंकवादियों की ओर से जिला कलक्टर कार्यालय एवं पुलिस कार्यालय में प्रवेश करने के साथ कुछ लोगों को बंधक बनाने की सूचना मिली। आतंकी हमले की सूचना के बाद पुलिस, सेना और एयरफोर्स की टीम ने मोर्चा संभाला और संयुक्त ऑपरेशन शुरू किया।

काउंटर टेररिज्म डेमोंस्ट्रेशन ने एक काल्पनिक आतंकी हमले पर तेज़ और समन्वित प्रतिक्रिया को प्रदर्शित किया। स्थानीय पुलिस ने तुरंत वाहनों और जवानों के साथ इलाके की घेराबंदी की।

वहीं वास्तविक समय पर निगरानी और निर्णय लेने के लिए एक केंद्रीय नियंत्रण केंद्र और मोबाइल कमांड पोस्ट सक्रिय किए गए। सेना की तीन क्विक रिएक्शन टीमें विशेष वाहनों के साथ ऑपरेशन में तैनात की गईं। आसपास की इमारतों पर लगे सीसीटीवी कैमरे और ड्रोन के माध्यम से आतंकवादियों की गतिविधियों पर लगातार नज़र रखी गई। संयुक्त कार्रवाई के जरिए आतंकवादियों को निष्क्रिय कर दिया गया। सुरक्षा बलांे ने एक आतंकी को मार गिराया,जबकि दो आतंकियों को जिंदा पकड़ लिया।

इस दौरान आतंकवादी हमले की स्थिति में त्वरित प्रतिक्रिया, बचाव कार्य और समन्वित कार्रवाई की पूरी प्रक्रिया का प्रदर्शन किया गया। इसमें सेना के कमांडो,पुलिस की स्पेशल फोर्स और वायुसेना की प्रमुख भूमिका रही। बिना किसी अप्रिय घटना के इस डिमॉन्सट्रेशन ने सबका उत्साह बढ़ाया और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाया। कार्यक्रम का समापन बंधकांे को सुरक्षित बाहर निकालने के बाद जय हिंद के नारों के साथ हुआ। इस दौरान सैन्य अधिकारियों के साथ पुलिस अधीक्षक नरेंद्र सिंह मीणा, अतिरिक्त जिला कलक्टर राजेन्द्र सिंह, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक जसाराम बोस, अरविन्द जांगिड़, पुलिस उप अधीक्षक रमेश कुमार शर्मा ,होमगार्ड के हाथीसिंह राठौड़ सहित एनसीसी, होमगार्ड, आरएसी के जवान एवं कार्मिक उपस्थित रहे। सैन्य अधिकारियों ने बताया कि इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य स्थानीय नागरिकों, अधिकारियों और सुरक्षा बलों में जागरूकता बढ़ाना था। उनके मुताबिक यह अभ्यास केवल एक डेमो नहीं है, बल्कि जनता को यह विश्वास दिलाता है कि हमारे सुरक्षा बल किसी भी आतंकी चुनौती का सामना करने के लिए पूरी तरह सक्षम और तैयार हैं। इस तरह के अभ्यास न केवल हमारी तैयारी को परखते हैं बल्कि आमजन में विश्वास भी जगाते हैं। उन्होंने सुरक्षा बलों की तत्परता और समन्वय की सराहना की।

