शहर के पचपदरा रोड स्थित एक निजी अस्पताल में इलाज के दौरान हुई युवक की मौत ने पूरे क्षेत्र में हड़कंप मचा दिया। परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन पर गंभीर लापरवाही और गलत इंजेक्शन लगाने का आरोप लगाते हुए शव को अस्पताल परिसर में रखकर धरना शुरू कर दिया। देर रात तक यह मामला तूल पकड़ गया और हालात इतने बिगड़े कि बाड़मेर-जैसलमेर सांसद उम्मेदराम बेनीवाल तक को धरना स्थल पहुंचकर पीड़ित परिवार के साथ रात गुजारनी पड़ी।
कैसे हुआ पूरा मामला
जानकारी के अनुसार, बायतु के अकदड़ा गांव निवासी मालाराम गोदारा कुछ दिन पहले बाइक फिसलने से घायल हो गए थे। उनके हाथ में फ्रैक्चर आ गया और शरीर में दर्द की शिकायत बनी रही। बुधवार सुबह परिजन उन्हें बालोतरा के पचपदरा रोड स्थित सिटी लाइट अस्पताल लेकर पहुंचे। यहां चिकित्सकों ने जांच कर हाथ में ऑपरेशन करने की सलाह दी।
परिजनों का आरोप है कि ऑपरेशन के बाद मालाराम की हालत सामान्य थी और वह वार्ड में घूम-फिर भी रहे थे, लेकिन देर शाम अचानक तबीयत बिगड़ गई। इस दौरान डॉक्टर ने उन्हें इंजेक्शन लगाया, जिसके कुछ ही घंटों बाद उनकी स्थिति बेहद गंभीर हो गई। आनन-फानन में अस्पताल प्रशासन ने उन्हें जोधपुर रेफर कर दिया, लेकिन बीच रास्ते में ही उनकी मौत हो गई।
परिजनों का आरोप और आक्रोश

मृतक के रिश्तेदार ओमप्रकाश हुड्डा का कहना है कि “डॉक्टर की लापरवाही और गलत इंजेक्शन के कारण ही मालाराम की जान गई। कुछ ही मिनटों में उनकी तबीयत इतनी बिगड़ गई कि जोधपुर पहुंचने से पहले ही उन्होंने दम तोड़ दिया।”
घटना की खबर फैलते ही बड़ी संख्या में ग्रामीण, समाजजन और जाट समाज के मौजिज लोग अस्पताल पहुंचे। आक्रोशित परिजनों ने शव को अस्पताल के काउंटर के पास बर्फ की सिल्ली पर रख दिया और मुख्य मार्ग पर धरने पर बैठ गए।
धरने की सूचना मिलते ही शहर पुलिस, डीएसपी सुशील मान और प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे। उन्होंने कई दौर की वार्ता कर परिजनों को समझाने की कोशिश की, लेकिन मांगों पर सहमति नहीं बन पाई। परिजन डॉक्टरों पर कार्रवाई और मुआवजे की घोषणा की मांग पर अड़े रहे।
नाहटा अस्पताल पीएमओ संदीप देवात भी मौके पर पहुंचे और समझाइश की, मगर कोई समाधान नहीं निकल पाया।
सांसद उम्मेदराम बेनीवाल पहुंचे, धरने पर डटे रहे

जैसे-जैसे मामला तूल पकड़ता गया, देर रात करीब 9 बजे बाद सांसद उम्मेदराम बेनीवाल धरना स्थल पहुंचे। उन्होंने पीड़ित परिवार और समाजजनों से मुलाकात की तथा पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों से भी बात की। लेकिन कोई ठोस नतीजा न निकलने पर सांसद ने खुद परिजनों के साथ धरना स्थल पर रात बिताई।
बेनीवाल ने कहा कि “पीड़ित परिवार को न्याय मिलना चाहिए। यदि चिकित्सकों की लापरवाही साबित होती है तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।”
क्षेत्र के कई जनप्रतिनिधि और नेता पहुंचे

घटना की जानकारी पर पूर्व विधायक मदन प्रजापत, आरएलपी नेता थानसिंह डोली, छात्र नेता गिरधारीलाल, पूर्व प्रधान लक्ष्मणराम डेलू, जोगाराम डूडी, प्रहलादराम व घमंडाराम धतरवाल सहित समाज के कई प्रबुद्धजन मौके पर पहुंचे और परिजनों को समर्थन दिया।
डॉक्टर का पक्ष
इस बीच अस्पताल के डॉक्टर प्रकाश विश्नोई ने सफाई देते हुए कहा कि “मरीज को बुधवार को ऑपरेशन किया गया था। ऑपरेशन सफल रहा और उसके बाद वह 3-4 घंटे तक बिल्कुल सामान्य था। बाद में अचानक हालत बिगड़ने पर प्राथमिक उपचार के बाद तुरंत जोधपुर रेफर किया गया।
बालोतरा में युवक की संदिग्ध मौत के बाद शुरू हुआ धरना अब राजनीतिक रूप भी ले चुका है। परिजन और ग्रामीण डॉक्टरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई और मुआवजे की मांग पर अड़े हैं, जबकि पुलिस व प्रशासनिक अधिकारी लगातार वार्ता कर रहे हैं। देर रात तक सहमति नहीं बनने के कारण शव अस्पताल परिसर में ही रखा रहा और धरना जारी रहा।

