Reported by: हनुमान सिंह
शेखावाटी की धरोहर मानी जाने वाली हर्ष पहाड़ी एक बार फिर हादसे का गवाह बनी। बुधवार देर रात यहां पोलकाजी मंदिर के नजदीक एक कार अनियंत्रित होकर करीब दस फीट गहरी खाई में गिर गई। गनीमत रही कि कार सवार लोगों को गंभीर चोटें नहीं आईं, लेकिन वाहन पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया। गुरुवार सुबह जब आसपास घूमने आए लोगों ने खाई में गाड़ी देखी, तो तुरंत पुलिस को सूचना दी गई।
सूचना पर जीणमाता थाना पुलिस मौके पर पहुंची और घटनास्थल का जायजा लिया। क्रेन की मदद से वाहन को खाई से बाहर निकालने का प्रयास शुरू किया गया। हादसे के बाद स्थानीय लोगों ने एक बार फिर प्रशासन से गुहार लगाई कि इस पहाड़ी पर सुरक्षा इंतजाम किए बिना ऐसे हादसे रुकने वाले नहीं हैं।
हादसों का अड्डा बन चुकी हर्ष पहाड़ी

हर्ष पर्वत, सीकर का धार्मिक और पर्यटन स्थल है, जहां हर्षनाथ मंदिर, भैरव मंदिर और पोलकाजी मंदिर जैसे धार्मिक स्थल हजारों श्रद्धालुओं को आकर्षित करते हैं। 3100 फीट की ऊंचाई पर स्थित यह पहाड़ी राजस्थान में माउंट आबू के बाद दूसरी सबसे ऊंची चोटी है।
लेकिन यहां की ऊबड़-खाबड़ सड़कें, टूटे हिस्से, गहरे गड्ढे और तीखे मोड़ लगातार हादसों का कारण बनते रहे हैं। स्थानीय लोग कहते हैं कि पहाड़ी पर आते समय हर वाहन चालक डर के साए में सफर करता है। रेलिंग और बैरियर की कमी के कारण जरा सी लापरवाही या ब्रेक फेल होना बड़े हादसों में बदल जाता है।
हाल के बड़े हादसों की कड़ी
हर्ष पहाड़ी पर हादसों का इतिहास लंबा है। हाल ही में कई बड़े हादसे लोगों को झकझोर चुके हैं –
18 अगस्त 2025: वॉच टावर के पास आंतरी नाला के नजदीक स्कोडा कार 250 फीट गहरी खाई में गिर गई। इस हादसे में जयपुर निवासी सोशल मीडिया इन्फ्लूएंसर हर्षित शर्मा (22) और एक युवती की दर्दनाक मौत हो गई, जबकि एक अन्य युवती गंभीर रूप से घायल हुई।
8 सितंबर 2024: हर्ष भैरव मंदिर से सवामणी कर लौटते श्रद्धालुओं की ट्रैक्टर-ट्रॉली अनियंत्रित होकर खाई में जा गिरी। हादसे में एक व्यक्ति की मौत हो गई, जबकि 15 लोग घायल हुए थे।
2019: बरसात के मौसम में टूटी सड़कों और गड्ढों की वजह से हुए अलग-अलग हादसों में चार लोगों की जान गई थी।
इन घटनाओं के बाद भी स्थिति जस की तस बनी हुई है।
स्थानीय लोगों की नाराज़गी और मांग
हादसे के बाद आसपास मौजूद ग्रामीणों और श्रद्धालुओं ने कहा कि “हर साल कई लोग अपनी जान गंवाते हैं
लोगों का कहना है कि यदि प्रशासन सड़कों को दुरुस्त करे और खतरनाक मोड़ों पर मजबूत रेलिंग लगाए, तो इस तरह की घटनाओं में काफी कमी आ सकती है।
हर्ष पहाड़ी जहां धार्मिक आस्था और प्राकृतिक सौंदर्य का केंद्र है, वहीं हादसों की वजह से यह अक्सर सुर्खियों में आ जाती है। यह हादसा फिर एक चेतावनी है कि जब तक सड़क सुधार, बैरियर और सुरक्षा रेलिंग जैसे कदम नहीं उठाए जाते, तब तक लोगों की जान जोखिम में बनी रहेगी।

