सीकर ज़िले के ख्यातनाम एवं विश्वविख्यात खाटूश्यामजी मंदिर में शुक्रवार की सुबह अचानक हलचल तेज हो गई। मंदिर परिसर और आसपास के क्षेत्र में पुलिस तथा विशेष सुरक्षा बलों की सक्रियता देखते ही देखते बढ़ गई। श्रद्धालुओं और स्थानीय निवासियों को एक पल के लिए ऐसा लगा मानो मंदिर पर किसी बड़ी आतंकी वारदात का खतरा मंडरा रहा हो। लोग इधर-उधर भागने लगे और अफवाहें भी उड़ने लगीं कि मंदिर समिति के कार्यालय में आतंकियों ने कब्जा कर लिया है। लेकिन थोड़ी देर बाद स्थिति साफ हुई कि यह सब कुछ वास्तव में एक मॉक ड्रिल का हिस्सा था, जिसे इमरजेंसी रिस्पॉन्स टीम (ERT) ने सुरक्षा तैयारियों की जांच परखने के लिए आयोजित किया था।
कैसे शुरू हुई पूरी कवायद?

पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार, इस अभ्यास के तहत पहले ERT को एक काल्पनिक सूचना दी गई। सूचना यह थी कि मंदिर परिसर में आतंकवादी छिपे हुए हैं और उन्होंने मंदिर समिति के कुछ कर्मचारियों को बंधक बना लिया है। इस सूचना के आधार पर तुरंत हाई अलर्ट घोषित किया गया और एटीएस तथा ERT की टीम हरकत में आई।
संपूर्ण योजना पहले से तैयार थी कमांडो ने तय रणनीति के मुताबिक मंदिर परिसर को चारों तरफ से घेर लिया। कुछ ही मिनटों में हथियारों से लैस विशेष कमांडो दल मंदिर समिति कार्यालय के भीतर दाखिल हुए और वहां मौजूद ‘डमी आतंकियों’ को काबू में किया। कार्रवाई के दौरान दो काल्पनिक आतंकियों को ढेर किया गया।
हथियार और दस्तावेज़ बरामद

ड्रिल के अंतर्गत इन डमी आतंकियों से दो अत्याधुनिक हथियार और कुछ कागज़ात भी बरामद किए गए। इन बरामद वस्तुओं को देखकर यह आभास दिया गया मानो किसी आतंकी संगठन की साजिश का भंडाफोड़ हुआ हो।
श्रद्धालु और स्थानीय लोग रहे हैरान
मंदिर में सुबह-सुबह दर्शन करने पहुंचे श्रद्धालु और आसपास के दुकानदार इस अचानक बढ़ी सुरक्षा गतिविधि को देखकर सकते में आ गए। कुछ समय के लिए वातावरण में दहशत का माहौल बन गया। कई लोगों को यह विश्वास ही नहीं हुआ कि यह केवल एक अभ्यास है। लेकिन जब अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि यह एक मॉक ड्रिल है और मंदिर की सुरक्षा व्यवस्था की जांच का हिस्सा है, तब जाकर लोगों ने राहत की सांस ली।

सुरक्षा व्यवस्था की मजबूती का संदेश
ERT और एटीएस द्वारा की गई इस मॉक ड्रिल का मुख्य उद्देश्य यह देखना था कि किसी भी आकस्मिक परिस्थिति में सुरक्षा बल कितनी तेजी और कुशलता से प्रतिक्रिया दे सकते हैं।

अधिकारियों की अपील
अभ्यास के बाद पुलिस अधिकारियों ने स्थानीय लोगों और श्रद्धालुओं से अपील की कि भविष्य में यदि कभी भी इस प्रकार की सुरक्षा कवायद की जाए तो अफवाहों पर ध्यान न दें और प्रशासन का सहयोग करें।
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