नर्सिंग ऑफिसर APO, 10 कर्मचारियों को नोटिस
बाड़मेर/चौहटन। बाड़मेर जिले के चौहटन स्थित राजकीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है। अस्पताल के लेबर वार्ड, जिसे संवेदनशील और अत्यधिक महत्वपूर्ण क्षेत्र माना जाता है, वहीं पर स्टाफ ने नर्सिंग ऑफिसर के जन्मदिन का जश्न मनाया। केक काटने से लेकर तेज आवाज में बजते साउंड सिस्टम पर नाच-गाने तक का यह पूरा कार्यक्रम कैमरे में कैद हुआ और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।
देर रात अस्पताल में पार्टी, बच्चे भी बने शामिल
मामला 15 अगस्त की रात का बताया जा रहा है। रात करीब 10 बजे से 11 बजे के बीच अस्पताल के लेबर रूम को पार्टी हॉल में तब्दील कर दिया गया। यहां मौजूद नर्सिंग ऑफिसर मीरा बैरवा का जन्मदिन मनाने के लिए पूरा स्टाफ इकट्ठा हुआ। स्टाफ सदस्य अपने बच्चों को भी साथ लाए थे। बच्चों के साथ भी गानों की धुन पर डांस किया गया।
राजस्थानी गानों पर डांस, साउंड सिस्टम भी लगाया गया
जन्मदिन सेलिब्रेशन के दौरान अस्पताल में लगे साउंड सिस्टम पर तेज आवाज में राजस्थानी गाने बजाए गए। स्टाफ ने खुलकर डांस किया। यह पूरा कार्यक्रम लेबर वार्ड जैसे गंभीर माहौल में हुआ, जहां सामान्य परिस्थितियों में मरीजों को भर्ती किया जाता है और सख्त अनुशासन की जरूरत रहती है।
अफसरों ने लिया संज्ञान, APO और नोटिस जारी
कार्यवाहक पीएमओ सुरेंद्र खींची ने पुष्टि की कि 15 अगस्त की रात को नर्सिंग ऑफिसर मीरा बैरवा का जन्मदिन अस्पताल परिसर के लेबर वार्ड में मनाया गया। इस मामले में चिकित्सा विभाग ने तुरंत कार्रवाई करते हुए मीरा बैरवा को एपीओ (Awaiting Posting Order) कर दिया। वहीं पार्टी में शामिल दूसरे नर्सिंग ऑफिसर मोहम्मद हनीफ समेत वीडियो में नजर आए अन्य 10 कर्मचारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।
अधिकारियों का कहना है कि लेबर रूम जैसी जगह पर इस प्रकार का आयोजन नियमों के विपरीत है। यह न केवल अस्पताल की गरिमा के खिलाफ है, बल्कि स्वास्थ्य सेवाओं की गंभीरता पर भी सवाल खड़ा करता है। फिलहाल मामले की जांच चल रही है और संबंधित कर्मचारियों से जवाब मांगा गया है।
इस पूरे बर्थडे सेलिब्रेशन का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि अस्पताल के लेबर वार्ड में कई कर्मचारी राजस्थानी गानों की धुन पर नाचते-गाते दिखाई दे रहे हैं। इस घटना को लेकर स्थानीय लोगों में भी नाराजगी देखी जा रही है और सवाल उठ रहे हैं कि आखिर जिम्मेदार अधिकारी ड्यूटी के दौरान अस्पताल परिसर को निजी कार्यक्रमों का स्थल कैसे बनने दे सकते हैं।

