शिव। पूरे देशभर में श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाई गई श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का उल्लास शिव क्षेत्र में भी देखने को मिला। इस दौरान शिव विधानसभा क्षेत्र के विधायक रविन्द्र सिंह भाटी ने लगातार दो दिनों तक अलग-अलग धार्मिक आयोजनों में शामिल होकर न केवल भक्ति का वातावरण बनाया बल्कि आमजन से आत्मीय जुड़ाव भी प्रदर्शित किया।
शनिवार देर रात विधायक भाटी ने सीकर जिले के प्रसिद्ध खाटू श्यामजी धाम पहुँचकर बाबा श्याम के दरबार में माथा टेका। मंदिर परिसर में गूँजते भजनों और जयकारों के बीच उन्होंने विधिवत पूजा-अर्चना की तथा श्रद्धालुओं के साथ भजन संध्या में भाग लिया। भक्ति रस में डूबे इस अवसर पर उन्होंने कहा कि “बाबा श्याम की कृपा से जीवन में साहस, विश्वास और नई ऊर्जा प्राप्त होती है। यह आस्था हमें सकारात्मक सोच और सेवा की प्रेरणा देती है।”
इसके अगले दिन रविवार को विधायक भाटी अपने विधानसभा क्षेत्र के हरसाणी गाँव पहुँचे, जहाँ दही-हांडी महोत्सव का आयोजन किया गया था। हजारों की संख्या में जुटे ग्रामीणों और युवाओं के बीच विधायक ने श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं का आनंद लिया। युवाओं द्वारा बनाई गई मानव पिरामिड और जोश-उत्साह को देखकर उन्होंने कहा कि “दही-हांडी केवल एक धार्मिक परंपरा नहीं बल्कि एकजुटता, मेहनत और साहस का प्रतीक है। इससे हमें यह सीख मिलती है कि सामूहिक प्रयास से हर कठिनाई को पार किया जा सकता है।” इस दौरान ग्रामीणों ने गर्मजोशी से विधायक का स्वागत किया और उनके साथ जन्माष्टमी के उत्सव में शामिल हुए।

इसी कड़ी में रविवार सुबह विधायक भाटी खोड़ाल गाँव स्थित श्री राधा-कृष्ण मंदिर भी पहुँचे। यहाँ छप्पन भोग का भव्य आयोजन किया गया था। विधायक ने भगवान राधा-कृष्ण के दर्शन कर आशीर्वाद प्राप्त किया और श्रद्धालुओं के साथ प्रसाद ग्रहण किया। मंदिर परिसर में लोगों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि “जन्माष्टमी जैसे पर्व हमारी संस्कृति और आध्यात्मिक विरासत का अमूल्य हिस्सा हैं। यह त्यौहार समाज में प्रेम, एकता, भक्ति और त्याग के संदेश को सजीव करता है।”

पूरे जन्माष्टमी पर्व के दौरान विधायक रविन्द्र सिंह भाटी की सक्रिय उपस्थिति ने न केवल धार्मिक आयोजनों की शोभा बढ़ाई, बल्कि सामाजिक सौहार्द और भाईचारे का वातावरण भी निर्मित किया। उनकी सहभागिता ने यह संदेश दिया कि त्यौहार केवल आस्था के प्रतीक नहीं बल्कि सामूहिक मेल-जोल और सामाजिक समरसता को मजबूत करने का अवसर भी होते हैं।

