जोजरी नदी प्रदूषण के खिलाफ रालोपा (राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी) का आंदोलन रविवार को बड़ा रूप लेता नजर आया। नागौर सांसद और आरएलपी संयोजक हनुमान बेनीवाल ने डोली गांव में आयोजित जोजरी बचाओ महारैली से सरकार को सीधा अल्टीमेटम देते हुए कहा कि जब तक प्रदूषित पानी की स्थायी रोकथाम और स्थायी समाधान का ठोस रोडमैप नहीं मिलेगा, तब तक यह आंदोलन रुकेगा नहीं।
डोली में ऐतिहासिक रैली, हजारों लोग जुटे
रविवार देर शाम डोली गांव में हजारों की भीड़ उमड़ी। आसपास के अराबा, कल्याणपुर, धवा समेत 50 से अधिक गांवों से ग्रामीणों का हुजूम रैली स्थल पर पहुंचा। मंच पर बेनीवाल का स्वागत युवाओं ने जेसीबी पर बिठाकर किया, वहीं 51 किलो की माला और तलवार भेंट कर अभिनंदन किया गया। जगह-जगह फूल बरसाए गए और ग्रामीणों ने नारों से माहौल गूंजा दिया।

बेनीवाल ने भीड़ को संबोधित करते हुए कहा –
“यह लड़ाई कोई नई नहीं है। बरसों से सरकारों की अनदेखी के कारण यहां की जमीन बंजर हो चुकी है, घर-घर गंदा पानी पहुंच रहा है और महिलाएं-बच्चे बीमारियों से जूझ रहे हैं। अब वक्त आ गया है कि लहू में उबाल आना चाहिए।”
जोधपुर-पाली की इंडस्ट्रीज पर गंभीर आरोप
बेनीवाल ने कहा कि पाली और जोधपुर की टेक्सटाइल व अन्य फैक्ट्रियों से निकलने वाला रासायनिक पानी सीधे जोजरी नदी में छोड़ा जा रहा है। यह पानी डोली, अराबा, कल्याणपुर से होते हुए 60-70 गांवों की जमीन और पेयजल स्रोतों को बर्बाद कर रहा है। खेत सूख रहे हैं, लोग जहरीले पानी से त्रस्त हैं।
उन्होंने केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत पर तंज कसते हुए कहा कि उन्होंने कई बार वादे किए, लेकिन “रिवर फ्रंट” जैसी घोषणाएं आज भी केवल कागजों तक सीमित हैं।

डोली से कलेक्ट्रेट कूच, रात 2 बजे तक घेराव
रैली के बाद बेनीवाल देर रात करीब 1:30 बजे समर्थकों के साथ डोली से बालोतरा जिला मुख्यालय के लिए रवाना हुए। सुबह 2 बजे जैसे ही कलेक्ट्रेट पहुंचे, कार्यकर्ताओं ने प्रशासन के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की और गेट के बाहर धरना दिया।
मौके पर कलेक्टर सुशील कुमार यादव और एसपी रमेश कुमार सहित प्रशासनिक अधिकारियों की टीम पहुंची। करीब आधे घंटे तक चली वार्ता के दौरान रालोपा प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा।

वार्ता में बनी सहमति – गंदे पानी की सप्लाई बंद होगी

रातभर चले विरोध के बाद आखिरकार प्रशासन को मानना पड़ा। तय हुआ कि –
डोली और आसपास के गांवों में गंदे पानी की आवक तुरंत रोकी जाएगी।
नए पानी की सप्लाई भी फिलहाल बंद की जाएगी।
स्थायी समाधान के लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार कर राज्य सरकार को भेजी जाएगी।
इसके बाद सुबह करीब 4 बजे हनुमान बेनीवाल ने अनिश्चितकालीन धरना समाप्त करने की घोषणा की।
बेनीवाल का हमला – “बाड़मेर-बालोतरा के नेताओं में दम होता तो मुझे नहीं आना पड़ता”

धरना समाप्त करने से पहले बेनीवाल ने कहा –
“अगर यहां के स्थानीय नेताओं में दम होता तो मुझे रात 2 बजे कलेक्ट्रेट आकर रुकना नहीं पड़ता। लेकिन चिंता मत कीजिए, अब यह केवल डोली या अराबा का आंदोलन नहीं, बल्कि पूरे राजस्थान का आंदोलन बन चुका है। जब तक गांव-गांव को गंदे पानी से राहत नहीं मिलेगी, तब तक यह लड़ाई जारी रहेगी।”
उन्होंने यह भी कहा कि विपक्ष कांग्रेस भी इस मुद्दे पर चुप बैठा है, जबकि आरएलपी अकेले लड़ रही है। बाड़मेर से लेकर चंबल और गंगानगर से डूंगरपुर तक हर वर्ग के लिए यह आंदोलन चलेगा।
ग्रामीणों की पीड़ा – मच्छर, बीमारियां और बंजर खेत
धरना स्थल पर पहुंचे ग्रामीणों ने अपनी व्यथा भी रखी। उन्होंने बताया कि गंदे पानी के चलते खेत बंजर हो चुके हैं, पशुओं के लिए चारा तक नहीं बचा, और पीने के पानी तक में बदबू आती है। मच्छरों के काटने से बीमारियां फैल रही हैं। कई बार शिकायत करने के बावजूद किसी भी सरकार ने ठोस कदम नहीं उठाए।
प्रशासनिक अधिकारी भी रहे मौजूद
वार्ता में कलेक्टर सुशील कुमार यादव, एसपी रमेश कुमार, एसडीएम अशोक कुमार विश्नोई, एएसपी गोपालसिंह भाटी सहित कई अधिकारी शामिल हुए। वहीं रालोपा की ओर से सांसद हनुमान बेनीवाल, थानसिंह डोली समेत प्रतिनिधिमंडल मौजूद रहा।

