सार सीकर जिले के नेछवा में बोलेरो से सांड की हत्या करने वाले दो आरोपी गिरफ्तार किए गए। आरोपी महिलाओं के कपड़े पहनकर सुजानगढ़ के खेतों में छिपे थे। पुलिस ने बोलेरो जब्त कर आरोपियों को पकड़ा और आधा मुंडन कर बाजार में जुलूस निकाला। गुस्साए लोगों ने फांसी की मांग की।
विस्तार
सीकर जिले के नेछवा थाना इलाके में हुए सांड हत्या प्रकरण ने पूरे क्षेत्र में सनसनी फैला दी है। बोलेरो वाहन से जानबूझकर सांड को टक्कर मारकर मौत के घाट उतारने के आरोप में पुलिस ने दो युवकों को गिरफ्तार किया है। यह गिरफ्तारी किसी सामान्य छापेमारी की तरह नहीं थी, बल्कि आरोपी गिरफ्तारी से बचने के लिए बेहद अजीबो-गरीब तरीके से खेतों में छिपे हुए थे। दोनों ने महिलाओं के कपड़े पहन रखे थे ताकि किसी को शक न हो। लेकिन पुलिस ने मुखबिर की सूचना पर दबिश दी और आखिरकार उन्हें धर दबोचा।
आरोपियों की पहचान और गिरफ्तारी की पूरी कहानी
नेछवा थानाधिकारी कृतिका सोनी ने बताया कि गिरफ्तार किए गए आरोपियों में एक शिवराज (26) निवासी नेछवा और दूसरा प्रेमचंद (40) निवासी सुजानगढ़ है। दोनों वारदात के बाद बोलेरो सहित फरार हो गए थे और सुजानगढ़ इलाके के खेतों में जाकर शरण ले ली थी। मंगलवार देर रात पुलिस ने छापेमारी कर पहले बोलेरो वाहन जब्त किया और खेतों में छिपे दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया।
गिरफ्तारी के दौरान आरोपियों ने बचने के लिए महिलाओं का लिबास पहन रखा था। पुलिस के अनुसार उनकी योजना थी कि ग्रामीण उन्हें पहचान ही न पाएं, लेकिन उनकी चालाकी ज्यादा देर नहीं चली और पुलिस ने उन्हें रंगे हाथों पकड़ लिया।
कैसे हुई वारदात?
पुलिस जांच में सामने आया कि आरोपी बोलेरो लेकर जा रहे थे। इसी दौरान सड़क पर अचानक एक सांड आ गया। गाड़ी रोकने के बजाय आरोपियों ने सांड को पीछे से जोरदार टक्कर मार दी। हादसे में सांड गंभीर रूप से घायल होकर गिर पड़ा। स्थानीय लोगों के अनुसार, जब सांड ने उठने की कोशिश की, तब भी ड्राइवर ने बेरहमी से बार-बार गाड़ी चढ़ाकर उसे कुचल दिया। मौके पर ही सांड की मौत हो गई और आरोपी वहां से भाग निकले।
वीडियो वायरल, संतों और गोसेवकों का विरोध
इस घटना का वीडियो स्थानीय लोगों ने रिकॉर्ड कर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। वीडियो सामने आने के बाद गाड़ोदा आश्रम के संत महावीर जति महाराज, नवल बाई सहित कई गोसेवकों ने नेछवा पुलिस थाने में पहुंचकर लिखित शिकायत दी और आरोपियों की तत्काल गिरफ्तारी की मांग की। गोसेवकों ने इसे धार्मिक आस्था से जुड़ा मामला बताते हुए सख्त कार्रवाई पर जोर दिया।
बाजार में निकाला गया जुलूस, गुस्साए लोगों की मांग
गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने आरोपियों का आधा मुंडन कराया और उन्हें बाजार में पैदल जुलूस के रूप में ले जाया गया। इस दौरान बड़ी संख्या में लोग जमा हो गए और आरोपियों के खिलाफ जमकर नारेबाजी हुई। गुस्साए लोगों ने आरोपियों को फांसी देने की मांग की। वहीं दूसरी ओर, भीड़ ने पुलिस प्रशासन के प्रति संतोष जताते हुए “पुलिस जिंदाबाद” के नारे भी लगाए।
पुलिस का रुख और आगे की कार्रवाई
नेछवा थानाधिकारी कृतिका सोनी ने बताया कि दोनों आरोपियों ने प्राथमिक पूछताछ में अपराध स्वीकार कर लिया है। और बोलेरो वाहन को पहले ही जब्त किया जा चुका है और मामले की गहन जांच की जा रही है।
यह पूरा मामला केवल एक हादसा नहीं बल्कि स्थानीय लोगों की आस्था से भी जुड़ा हुआ है। ग्रामीणों का कहना है कि सांड को जानबूझकर टक्कर मारना न केवल अमानवीय कृत्य है बल्कि धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँचाने जैसा है। यही वजह है कि घटना के बाद माहौल बेहद तनावपूर्ण हो गया था और पुलिस को तुरंत एक्शन लेना पड़ा।
खबर : हनुमान सिंह सीकर

