जैसलमेर ज़िले में नकली नोटों का बड़ा जाल पकड़ने में पुलिस को अहम सफलता मिली है। मोहनगढ़ कस्बे में एक ईमित्र संचालक को नकली नोट देने वाले दो संदिग्ध युवकों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। पकड़े गए आरोपियों के कब्जे से ₹67 हजार की जाली भारतीय मुद्रा जब्त की गई है।
मामला कैसे सामने आया
जानकारी के अनुसार, 17 अगस्त को मोहनगढ़ निवासी ईमित्र संचालक असरूद अली ने पुलिस में रिपोर्ट दर्ज करवाई। उसने बताया कि उसके ईमित्र केंद्र पर एक युवक आया और ₹14,000 जमा करवाने के लिए 500-500 के नोट दिए। बाद में वही युवक शाम को दोबारा आया और ₹10,000 फिर से जमा करवा गया। उस समय नोट सामान्य लगे, लेकिन संचालक को कुछ शक हुआ।
अगली सुबह जब असरूद अली ने नोटों को मशीन से चेक कराया, तो 500-500 के कुल 9 नोट नकली पाए गए। इसके बाद उसने पुलिस को पूरे मामले की सूचना दी। नोडल थाना कोतवाली में मामला दर्ज होने के बाद एसपी अभिषेक शिवहरे ने तुरंत जांच के आदेश दिए।
नकली नोट बकरी खरीदने में इस्तेमाल करते थे
एसपी ने नकली नोट प्रकरण को गंभीर मानते हुए अलग-अलग टीमें गठित कीं। पुलिस ने CCTV फुटेज खंगाले और मुखबिरों की मदद से आरोपियों की लोकेशन का पता लगाया। लगातार तलाश के बाद दोनों संदिग्ध युवक नाचना थाना इलाके के नहरी क्षेत्र में बकरियां खरीदते हुए पकड़े गए।
गिरफ्तार आरोपियों की पहचान मोहम्मद कुमैल उर्फ धनु (23) पुत्र नजमुल कुरैशी निवासी पूर्णिया, बिहार और उस्मान (27) पुत्र इरफान कुरैशी निवासी गंगोह, जिला सहारनपुर, उत्तर प्रदेश के रूप में हुई है।

500 रुपए के 125 जाली नोट बरामद
दोनों आरोपियों के पास से पुलिस ने 500-500 रुपए के 125 जाली नोट बरामद किए, जिनकी कुल कीमत ₹62,500 थी। इसके अलावा अन्य नकदी मिलाकर कुल ₹67,000 जब्त किए गए। पुलिस का कहना है कि दोनों युवक 11 अगस्त को जैसलमेर आए थे और नहरी बेल्ट से बकरियां खरीदकर बिहार ले जाने की योजना बना रहे थे।
फिलहाल पुलिस दोनों से गहन पूछताछ कर रही है कि यह नकली नोट कहां से लाए गए और इनके पीछे कौन सा गिरोह काम कर रहा है। पुलिस यह भी जांच कर रही है कि क्या इन दोनों की पहले भी राजस्थान या आसपास के क्षेत्रों में कोई आपराधिक गतिविधियों से संलिप्तता रही है।

