बालोतरा। धार्मिक आस्था और भक्ति का अनूठा संगम उस समय देखने को मिला जब गुरुवार सुबह बालोतरा से निकला बाणेश्वरी पावन बस यात्रा संघ श्रद्धालुओं के साथ मंडोर भैरूं बाबा के दर्शन करता हुआ जोधा पालड़ी पहुंचा। यहां स्थित मोरपा माता मंदिर कुचेरा में भव्य भजन संध्या का आयोजन किया गया। इस विशेष अवसर पर मंदिर परिसर में भक्तिमय वातावरण गूंज उठा और सैकड़ों श्रद्धालु भक्ति रस में सराबोर होकर देर रात तक भजनों पर झूमते रहे।
आयोजन की तैयारियां पहले से ही गहलोत भाईपा ग्रुप, बालोतरा द्वारा की गई थीं। हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी मंदिर को रंग-बिरंगी लाइटों और पुष्प सज्जा से सुसज्जित किया गया। शाम ढलते ही मंदिर परिसर दीपों की रोशनी से जगमगा उठा और वातावरण में भक्ति का रंग भर गया।

भजन संध्या का आगाज सुप्रसिद्ध भजन गायक किशोर पालीवाल ने गणपति वंदना और गुरु महिमा से किया। इसके बाद गायिका शीतल वैष्णव और उनकी मंडली ने एक से बढ़कर एक भजनों की प्रस्तुति दी। जिसमें माता रानी के भजन, भैरूजी के जयकारे, मांजीस की स्तुति, राधे-कृष्ण की मधुर भक्ति धुनें, और देशी अंदाज में प्रस्तुत कई लोकभजन श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध कर गए। देर रात तक गूंजते इन भजनों ने ऐसा माहौल बनाया कि पूरा परिसर भक्ति रस में डूब गया।
बालोतरा से सैकड़ों श्रद्धालु बसों और निजी वाहनों से यात्रा कर जोधा पालड़ी पहुंचे। रास्ते में ढोल-नगाड़ों और बाजों की गूंज के बीच श्रद्धालु नाचते-गाते हुए मंदिर पहुंचे। मंदिर परिसर में प्रवेश करते ही भक्तों ने मोरपा माता की प्रतिमा के समक्ष नतमस्तक होकर शीश नवाया और परिवार व समाज की खुशहाली की कामना की।

भजन संध्या का मंच संचालन मिठालाल द्वारा किया गया। इस अवसर पर कई श्रद्धालु चढ़ावे के लाभार्थी बने। गहलोत भाईपा ग्रुप के कार्यकर्ताओं और युवाओं ने आयोजन को सफल बनाने में विशेष भूमिका निभाई।
यह आयोजन सिर्फ धार्मिक अनुष्ठान भर नहीं रहा, बल्कि सामाजिक एकता, परंपरा और संस्कृति का जीवंत उदाहरण बना। बालोतरा से लेकर जोधा पालड़ी तक चली इस यात्रा ने यह साबित किया कि जब भक्ति और आस्था साथ होती है तो हर कदम पर उमंग, ऊर्जा और अपनापन स्वतः झलकने लगता है।

