खनन क्षेत्र कनाना से बजरी भरकर आ रहे डंपर चालकों को फर्जी पुलिस अधिकारी बनकर रोकने और उनसे अवैध वसूली करने का प्रयास कर रहे एक शातिर तस्कर को जिला विशेष टीम (डीएसटी) ने शुक्रवार देर रात रंगे हाथ दबोच लिया। आरोपी ने खुद को कभी बालोतरा एसपी तो कभी एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स का अध्यक्ष बताकर डंपर चालकों को डराने और उनसे रकम ऐंठने की कोशिश की। पुलिस ने मौके से आरोपी को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया, जहां से उसे दो दिन के रिमांड पर लिया गया है।
आरोपी की करतूतें
सूत्रों के अनुसार आरोपी शुक्रवार शाम से देर रात तक अल्टो कार में घूम रहा था। कार के आगे उसने ‘पुलिस’ लिखा हुआ बोर्ड लगाया हुआ था। इसी का सहारा लेकर वह कनाना से बजरी लाने वाले डंपरों को उमरलाई, पारलू और जेठंतरी मार्गों पर रोककर उनकी तथाकथित “जांच” करता रहा। चालकों से रवन्ना (परिवहन अनुमति) और कागजात मांगने के साथ ही वह मोबाइल पर वाहन मालिकों से बातचीत कर खुद को उच्च पदस्थ अधिकारी बताता रहा। कई मामलों में उसने खुलेआम पैसों की मांग भी की।
इस बीच, लगातार हो रही उसकी गतिविधियों से चालक और वाहन मालिकों में संदेह गहराया। जब यह बात फैलने लगी तो किसी ने इसकी सूचना डीएसटी को दी। सूचना मिलते ही डीएसटी की टीम सक्रिय हुई और समदड़ी रोड पर दबिश देकर आरोपी को हिरासत में ले लिया।
आरोपी का आपराधिक इतिहास
पकड़ा गया आरोपी दिनेशसिंह, कल्याणपुर थाना क्षेत्र के डोली राजगुरा गांव का निवासी है। पुलिस रिकॉर्ड बताता है कि वह पेशेवर अपराधी है और लंबे समय से अवैध मादक पदार्थों की तस्करी में संलिप्त रहा है।
करीब दो साल पहले यह आरोपी जोधपुर कमिश्नरेट पुलिस और डीएसटी के हत्थे भी चढ़ा था। उस समय वह थार गाड़ी में अवैध डोडा पोस्त, अफीम का दूध और हथियार लेकर घूम रहा था। पुलिस की कई जगहों पर नाकाबंदी के बावजूद वह गाड़ी भगाता हुआ डोली टोल प्लाजा तक पहुंच गया था। अंततः कल्याणपुर थाना पुलिस ने उसे पकड़कर बड़ी मात्रा में मादक पदार्थ और हथियार बरामद किए थे। इसी मामले में वह जेल गया और बाद में पेरोल पर बाहर आया।
गौरतलब है कि दो साल पहले की गिरफ्तारी के दौरान भी आरोपी के पास से पुलिस की वर्दी और कैप बरामद हुई थी। अब दोबारा उसने वर्दी और “पुलिस” लिखी कार का सहारा लेकर लोगों को गुमराह किया। यह उसकी संगठित और सुनियोजित मानसिकता को दर्शाता है, जिसमें वह कानून के रक्षक का मुखौटा पहनकर आमजन को ठगने का प्रयास करता है।
घटना की गंभीरता को देखते हुए एसपी रमेश कुमार ने खुद बालोतरा थाने पहुंचकर आरोपी से पूछताछ की। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ फर्जी पुलिस अधिकारी बनकर अवैध वसूली का प्रयास करने, पुलिस नाम का दुरुपयोग करने और आमजन को ठगने की धाराओं में मामला दर्ज किया है। अब पुलिस आरोपी से यह जानने की कोशिश कर रही है कि उसके पीछे कोई और नेटवर्क या गिरोह तो सक्रिय नहीं है।

