बालोतरा। जिला पुलिस अधीक्षक रमेश आईपीएस ने बताया कि जिले में सम्पत्ति संबंधी अपराधों का शीघ्र खुलासा कर शत प्रतिशत बरामदगी करने व अपराधियों के विरूद्ध प्रभावी कानूनी कार्यवाही हेतु चलाए जा रहे विशेष अभियान “ऑपरेशन अश्ववेग” के तहत जारी निर्देशानुसार गोपालसिंह भाटी आरपीएस, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक बालोतरा एवं सुशील मान आरपीएस, वृताधिकारी बालोतरा के सुपरवीजन में चेलसिंह निपु. थानाधिकारी बालोतरा के नेतृत्व में गठित विशेष पुलिस टीम द्वारा कस्बा बालोतरा से निरंतर हो रही मोटरसाईकिल चोरी की वारदातों के संबंध में परम्परागत पुलिसिंग, आसूचना, तकनिकी माध्यम से साक्ष्य एकत्रित कर कड़ी से कड़ी जोड़ते हुए मौज-शौक तथा मंहगे व ब्रांडेड कपड़े खरीदने हेतु दुपहिया वाहनों की चोरी करने वाली शातिर गैंग के मुख्य मुलजिम हुकमाराम व मनोहरलाल तथा सहयोगी किशनाराम, मालाराम, मदनलाल को गिरफ्तार कर उनके कब्जा से थाना बालोतरा हल्का क्षेत्र से चोरी हुई कुल 13 मोटरसाईकिल व 02 एक्टिवा बरामद करने में बड़ी सफलता प्राप्त की है।
घटना का विवरण
ज्ञात रहे कि पिछले काफी समय से कस्बा बालोतरा में सिलसिलेवार दुपहिया वाहनों को चोरी करने की वारदातें हो रही थी। थाना पर कई चोरी के प्रकरण पंजीबद्ध हुए। जिस पर सम्पति संबंधी अपराधों में हो रही निरंतर बढोतरी को मध्यनजर रखते हुए श्रीमान पुलिस अधीक्षक महोदय के निर्देशानुसार धाना स्तर पर श्री राकेश कुमार सउनि, के नेतृत्व में एक विशेष टीम का गठन कर आवश्यक निर्देश दिये गये।

कार्यवाही पुलिस
गठित विशेष पुलिस टीम ने परम्परागत पुलिसिंग, गुप्त आसूचना और तकनीकी साक्ष्यों का सूक्ष्म विश्लेषण करते हुए, कड़ी से कड़ी जोड़कर चोरी की वारदातों में लिप्त मुख्य आरोपी हुकमाराम एवं मनोहरलाल की तलाश में दबिश दी। पुलिस की भनक लगते ही दोनों आरोपी खेलों एवं रेतीले धोरों में छिपने के इरादे से भागने का प्रयास करने लगे, किंतु पुलिस टीम ने कई किलोमीटर तक पैदल पीछा कर दोनों को दस्तयाब कर लिया। गहन पूछताछ में हुकमाराम एवं मनोहरलाल के साथ संगठित अपराध में शामिल सहयोगी आरोपी किशनाराम, मालाराम एवं मदनलाल को भी चिन्हित कर दबोच लिया गया। आरोपियों की निशानदेही से कस्बा बालोतरा से चोरी की गई 13 मोटरसाइकिलें एवं 02 एक्टिवा बरामद की गई। प्रारंभिक जांच में आरोपियों द्वारा कुल 17 चोरी की वारदातों को अंजाम देना स्वीकार किया गया है। मुलजिमानों को चोरी एवं संगठित अपराध से संबंधित प्रकरणों में गिरफ्तार कर अग्रिम पूछताछ जारी है।
आरोपियों की भूमिकाः मुख्य आरोपी हुकमाराम ने पूर्व में अपनी मोटरसाइकिल का माइलेज कम होने
पर अधिक माइलेज वाली एक बाइक चोरी की थी। चोरी की गई बाइक को बेचने पर जब उसे अच्छी-खासी रकम प्राप्त हुई, तो उसमें लालच पैदा हो गया और उसने चोरी को नियमित रूप से करने हेतु एक संगठित गिरोह बना लिया। मनोहरलाल, जो तकनीकी रूप से दक्ष है, बाड़मेर में रहकर पढ़ाई करता था, लेकिन महंगे कपड़ों के शौक ने उसे अपराध की राह पर धकेल दिया। वारदात से पहले यह जी.पी.एस. तकनीक का उपयोग कर बालोतरा की गलियों का ट्रैक तैयार करता था, जिसमें यह जानकारी जुटाई जाती थी कि कौन-सी गली खुली है, कौन-सी बंद है तथा यदि लोग जाग जाएं तो भागने के लिए वैकल्पिक रास्ते कौन से हैं। मदनलाल भी पढाई करता था, लेकिन महंगे कपड़ों और मौज-मस्ती के शौक ने उसे चोरी करने वाले गिरोह में शामिल कर दिया। किशनाराम एक फोटोग्राफर है, जो महंगा कैमरा खरीदने की चाहत में चोरी के इस गिरोह से जुड़ गया। मालाराम नागाणा में एक निजी कंपनी में कार्यरत था। बस से आना-जाना उसे असुविधाजनक लगता था, इसलिए उसने एक मोटरसाइकिल चोरी की और बाद में गिरोह में स्थायी रूप से शामिल हो गया।

तरीका वारदात
मुख्य आरोपी हुकमाराम एवं मनोहरलाल रात्रि के समय ट्रेन द्वारा बाड़मेर से बालोतरा आया करते थे। वारदात से पूर्व कस्बा बालोतरा की गलियों का जी.पी.एस. के माध्यम से विस्तृत ट्रैकिंग कर लेते थे, जिससे उन्हें यह पता चल सके कि कौन-सी गली खुली है. कौन-सी आगे से बंद है, तथा वहां से भागने के वैकल्पिक मार्ग कौन-से हैं। इस तरह की बारीकी से की गई रेकी के बाद आरोपी सुनसान एवं अंधेरी गलियों को चुनते थे, जहां वाहनों की निगरानी न्यूनतम हो। वारदात के समय आरोपी ताला तोड़ने के उपकरण साथ रखते थे और अत्यंत कम समय में मोटरसाइकिल का लॉक तोड़कर उसे स्टार्ट कर फरार हो जाते थे। वारदात के तुरंत बाद आरोपी मोटरसाइकिल को रेतीले धोरों एवं खेतों के रास्तों से निकालकर मुख्य मार्ग से बचते हुए सुरक्षित स्थान पर पहुंचा देते थे, जिससे पुलिस की पकड़ से बचा जा सके।
चोरी करने का उद्देश्य
गिरोह के सदस्य चोरी की गई मोटरसाइकिलें और एक्टिवा बेचकर रुपये प्राप्त करते थे। इन रुपयों का उपयोग महंगे व ब्रांडेड कपड़े खरीदने, महंगे कैमरे लेने, शौक और मौज-मस्ती में करने के साथ-साथ विलासिता का जीवन जीने में किया जाता था। गिरोह का मुख्य उद्देश्य त्वरित आर्थिक लाभ कमाकर उस धन का दुरुपयोग भौतिक सुख-सुविधाओं में करना था।

विशेष भूमिका
सुखदेव कानि. 75 पुलिस थाना बालोतरा द्वारा परम्परागत पुलिसिंग एवं आसूचना के आधार पर उपरोक्त चोरी की वारदातों का खुलासा करने में विशेष भूमिका रही है।
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