बालोतरा। जिले के तिलवाड़ा गांव में शुक्रवार दोपहर एक दर्दनाक हादसा सामने आया, जब गांव का ही एक युवक लूणी नदी में डूब गया। दो दिन बीत जाने के बावजूद युवक का कोई सुराग नहीं लग पाया है। स्थानीय प्रशासन से लेकर SDRF तक लगातार सर्च ऑपरेशन चला रहे हैं, लेकिन अब तक सफलता हाथ नहीं लगी है।

कैसे हुआ हादसा
शुक्रवार को दोपहर करीब 12 बजे तिलवाड़ा निवासी मोहन पुत्र चेलाराम भील नदी किनारे खड़ा था। गवाहों के अनुसार, अचानक उसका पैर फिसल गया और वह तेज बहाव के साथ नदी में गिर पड़ा। देखते ही देखते युवक पानी की गहराई में समा गया। आसपास मौजूद लोगों ने शोर मचाकर उसे बचाने की कोशिश की, लेकिन लूणी नदी का उफान इतना तेज था कि कुछ ही पलों में वह नजरों से ओझल हो गया।
तलाशी अभियान में कई दल जुटे

हादसे की सूचना मिलते ही बालोतरा पुलिस, जसोल पुलिस, स्थानीय प्रशासन और पटवारी मेहराज थोरी मौके पर पहुंचे। इसके बाद SDRF बाड़मेर और जोधपुर की टीमों के साथ सिविल डिफेंस के जवानों को भी रेस्क्यू ऑपरेशन में लगाया गया।
दो दिनों से लगातार नदी में सर्च अभियान चल रहा है। अब तक लगभग 8 किलोमीटर क्षेत्र को खंगाला जा चुका है, लेकिन मोहन का पता नहीं चल पाया।

बचाव कार्य में आ रही मुश्किलें
नदी का वेग बहुत तेज है और पानी के भीतर गहरी खाइयां, गड्ढे और काटीली झाड़ियां हैं। इन कारणों से तलाशी में बड़ी कठिनाई आ रही है। कई बार गोताखोरों को जोखिम उठाकर गहराई तक जाना पड़ रहा है। फिर भी टीम लगातार प्रयास कर रही है कि लापता युवक को जल्द से जल्द ढूंढ निकाला जाए।
घटना के बाद तिलवाड़ा गांव में चिंता का माहौल है। मोहन के परिजन नदी किनारे बैठे हुए हैं और उसकी सलामती की प्रार्थना कर रहे हैं। ग्रामीण भी मौके पर बड़ी संख्या में मौजूद होकर बचाव दल की मदद कर रहे हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि लूणी नदी का जलस्तर बारिश के बाद खतरनाक रूप से बढ़ा हुआ है, जिस कारण अक्सर हादसों का खतरा बना रहता है।
जसोल पुलिस ने लोगों से अपील की है कि वे नदी किनारे न जाए अपनी जान जोखिम में ना डालें

