
जसोल:- राणी भटियाणी मंदिर संस्थान, जसोल ने समाज सेवा और मानव कल्याण की अपनी गौरवशाली परंपरा को आगे बढ़ाते हुए, जायडस हॉस्पिटल, बड़ौदा के संयुक्त तत्वावधान में 10 एवं 11 अक्टूबर 2025 को जसोलधाम परिसर में एक दो दिवसीय निःशुल्क चिकित्सा शिविर का सफल आयोजन किया। ग्रामीण क्षेत्र के अधिक से अधिक लोगों तक गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएँ पहुँचाने के उद्देश्य से आयोजित इस शिविर का भव्य और सफल समापन हुआ।
सेवा और आस्था का संगम
इस दो दिवसीय चिकित्सा शिविर में कुल 537 मरीजों की चिकित्सकीय जाँच, परामर्श और निःशुल्क दवा वितरण किया गया। संस्थान की भोजनशाला में सभी लाभार्थियों और उनके परिजनों को श्रद्धापूर्वक माँ जसोल का पावन प्रसाद स्वरूप भोजन कराया गया, जिससे पूरे परिसर में भक्ति, करुणा और सेवा का अद्वितीय वातावरण बना रहा। यह आयोजन ‘दवा, दुआ और प्रसाद’ के संगम का साक्षी बना।
विशेषज्ञ डॉक्टरों ने दी निःशुल्क सेवाएँ
शिविर में विशेषज्ञ डॉक्टरों ने पूर्ण समर्पण और सेवाभाव से अपनी बहुमूल्य सेवाएँ दीं।
डॉ. चतुर्भुज सिंह राठौड़,डॉ. भगवती सलगोत्रा,डॉ. नितिन पटेल,डॉ. संजय सोनी,डॉ. राहुल शाह
इन सभी चिकित्सकों ने मरीजों की गंभीरता से जाँच की और अत्यंत आत्मीयता के साथ निःशुल्क परामर्श प्रदान किया। डॉक्टरों ने मानवता और संवेदना की भावना से कार्य करते हुए इस पुनीत पहल को सफल बनाया।
लाभार्थियों ने की भावुक सराहना
मरीजों और उनके परिजनों ने डॉक्टरों के सेवाभाव, सहजता और संवेदनशीलता की भरपूर सराहना की। लाभार्थियों ने भावुक होते हुए कहा:”यहाँ हमें दवा के साथ माँ की दुआ और प्रसाद भी मिला, जिसने मन को अपार शांति दी।”विशेषज्ञ डॉक्टरों ने आत्मीयता से जाँच की, जिससे विश्वास और भी गहरा हुआ। एक ही स्थान पर इतने अनुभवी चिकित्सकों से निःशुल्क उपचार मिलना हमारे लिए सौभाग्य की बात है।”जसोलधाम भोजनशाला में बैठकर माँ जसोल का प्रसाद ग्रहण करना हमारे जीवन का एक पवित्र अनुभव रहा।”
संस्थान की समाज सेवा में निरंतर सक्रियता
समापन अवसर पर संस्थान समिति सदस्य कुंवर हरिश्चंद्र सिंह जसोल ने अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि “श्री राणी भटियाणी मंदिर संस्थान, जसोल धार्मिक कार्यों के साथ-साथ शिक्षा, स्वास्थ्य, पर्यावरण और समाज सेवा जैसे क्षेत्रों में भी निरंतर सक्रिय है। यह मेडिकल कैंप माँ जसोल की असीम कृपा और भक्तों की आस्था का प्रत्यक्ष प्रतीक है।”इस सफल आयोजन ने एक बार फिर यह सिद्ध कर दिया कि धार्मिक संस्थान सेवा और समर्पण के माध्यम से समाज कल्याण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।माँ जसोल की असीम कृपा आप सभी भक्तों पर सदैव बनी रहे।

