बालोतरा: जसोल थाना क्षेत्र में उस समय सनसनी फैल गई, जब रविवार सुबह एक 17 वर्षीय नाबालिग लड़की का शव मेगा हाईवे (बालोतरा-सांचौर) किनारे झाड़ियों में पड़ा मिला। मृतका दो दिन पहले घर से लापता हुई थी। शव मिलने की सूचना के बाद ग्रामीणों में आक्रोश फैल गया और उन्होंने हाईवे पर जाम लगा दिया। ग्रामीणों का आरोप था कि प्रशासन ने समय रहते तलाश नहीं की, जिससे बच्ची की जान नहीं बच पाई। गुस्साए लोगों ने करीब तीन घंटे तक आवागमन रोककर प्रदर्शन किया।
दो दिन पहले लापता हुई थी लड़की
थानाधिकारी चंद्र सिंह ने बताया कि मृतका की पहचान सोरकी पुत्री स्व. वालाराम देवासी (उम्र 17 वर्ष) निवासी जसोल के रूप में हुई। परिजनों के अनुसार, 15 अगस्त की शाम करीब 5 बजे लड़की घर से निकली थी। शाम 6:30 बजे तक वह लौटकर नहीं आई। जब काफी देर तक घरवाले इंतजार करते रहे और कोई सुराग नहीं मिला, तो उसके चचेरे भाई ने रात को ही जसोल थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी।

कार ने मारी थी जोरदार टक्कर
पुलिस जांच में सामने आया है कि जिस दिन लड़की गायब हुई थी, उसी समय बालोतरा से सिणधरी की ओर जा रही एक कार ने उसे टक्कर मार दी थी। हादसे के बाद टक्कर की रफ्तार इतनी तेज थी कि नाबालिग सड़क से लगभग 25 फीट दूर झाड़ियों में जा गिरी। हादसे के तुरंत बाद कार भी अनियंत्रित होकर कई बार पलटी खा गई। वहां मौजूद लोगों ने कार सवार घायलों को बाहर निकाला और राजकीय नाहटा अस्पताल बालोतरा में भर्ती कराया। लेकिन किसी को अंदाजा नहीं था कि उसी दौरान एक लड़की भी कार की चपेट में आई थी और झाड़ियों में गिरी पड़ी है।
शव मिलने के बाद फैला आक्रोश
रविवार सुबह जब स्थानीय लोगों ने झाड़ियों में शव देखा तो पूरे इलाके में सनसनी मच गई। सूचना मिलते ही जसोल थाना पुलिस मौके पर पहुंची। शव सड़ी-गली हालत में था और दुर्गंध आ रही थी। शव मिलने की खबर फैलते ही बड़ी संख्या में ग्रामीण मौके पर जुट गए और आक्रोशित होकर हाईवे जाम कर दिया।

पुलिस-प्रशासन को करनी पड़ी मशक्कत
ग्रामीणों का कहना था कि पुलिस और प्रशासन ने गुमशुदगी की शिकायत के बाद भी गंभीरता से तलाश नहीं की। इसी लापरवाही के चलते बच्ची की मौत हो गई। मौके पर पहुंचे पुलिसकर्मियों ने ग्रामीणों को समझाने की कोशिश की, लेकिन लोग कार्रवाई और दोषियों की गिरफ्तारी की मांग पर अड़े रहे।
सुबह 9 बजे से शुरू हुआ यह विरोध प्रदर्शन दोपहर तक जारी रहा। जब 11:45 बजे पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए उठाने का प्रयास किया, तो ग्रामीणों ने एक बार फिर हाईवे पर जाम लगा दिया। हालात बिगड़ते देख मौके पर स्थानीय विधायक अरुण चौधरी, तहसीलदार गोपीकिशन पालीवाल और डीएसपी सुशील मान पहुंचे। उन्होंने परिजनों और ग्रामीणों से लंबी वार्ता की। आखिरकार करीब दो घंटे की मशक्कत के बाद दोपहर 1:30 बजे ग्रामीणों ने जाम खोला और शव को अस्पताल ले जाया गया।

