जसोल। बालोतरा। भाद्रपद शुक्ल पक्ष अष्टमी के पावन अवसर पर श्री राणी भटियाणी मंदिर संस्थान, जसोल में भक्तों का सैलाब उमड़ पड़ा। अल सवेरे मंदिर के कपाट खुलते ही दर्शन के लिए आए श्रद्धालुओं की लंबी कतारे लग गई। पूरे दिवस मंदिर परिसर में भक्तों का आवागमन निरंतर बना रहा।
भक्तों ने श्री राणीसा भटियाणीसा, श्री बायोसा, श्री सवाईसिंह जी, श्री लाल बन्ना सा श्री खेतलाजी एवं श्री काला गौरा मैरु के मंदिरों में विधिवत दर्शन कर अपने एवं परिवार की सुख, समृद्धि के लिए मंगल कामनाएं की। मंदिर परिसर भर्ता के द्वारा लगाए गए जयकारों से गूंज उठा और वातावरण भक्ति एवं आस्था से ओतप्रोत हो गया।
अन्नपूर्णा प्रसादम लाभ एवं कन्या पूजन

अष्टमी के अवसर पर अन्नपूर्णा प्रसादम का लाभ राजेश कुमार एवं दिनेश कुमार सुपुत्र ओम प्रकाश मानणिया (प्रजापत) निवासी बालोतरा ने लिया। लाभार्थी परिवार ने मंदिर के समस्त देवालयों में महाप्रसादी भोग अर्पित कर श्रद्धालुओं में प्रसाद वितरण करवाया।
इसके साथ ही, लाआर्थी परिवार द्वारा जसौल नगर पालिका सर्व समाज की कन्याओं का पूजन किया गया। कन्याओं को फल. प्रसाद वितरित कर अन्नपूर्णा प्रसादम करवाया गया तथा उन्हें दक्षिणा भी अर्पित की गई।
राति जोगा
अष्टमी की पूर्व संध्या पर सप्तमी के दिन श्री राणीसा भटियाणीसा जन्मोत्सव महोत्सव को धार्मिक एवं सांस्कृतिक परंपराओं के तहत राति जोगा का आयोजन किया गया। जिसमें स्थानीय जसोन की दमामणियों ने भजनों एवं गीलों की मनमोहक प्रस्तुतियां माँ जसोल को अर्पित की।

सुनियोजित एवं उत्कृष्ट व्यवस्थाएं
अक्ती की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए संस्थान की ओर से मंदिर परिसर में बेहतरीन व्यवस्थाएं की गई। इनमें शामिल हैं मिस्टिंग सिस्टम एवं झीग झेग व्यवस्था, सीसीटीवी कैमरी द्वारा सुरक्षा निगरानी, पब्लिक अनाउंसमेंट सिस्टम व्हीलचेयर एवं गोल्फ कार्ट सुविधा, वातानुकूलित बैंक बेड्स युक्त हॉल, डॉरमेट्रीज, 3 एवं 4 बेड्स वाले कक्ष शामिल है। इन सुविधाओं का लाभ प्रतिदिन मां जसील के दर्शनार्थ आने वाले सैकड़ों श्रद्धालु ले रहे
सामाजिक समरसता की प्रतीक जसोलधाम ओजनशाला
मंदिर परिसर में सामाजिक समरसता एवं सर्व धर्म सद्भाव की प्रतीक जसोलधाम भोजनशाला का संचालन भी संस्थान द्वारा किया जा रहा है। यहां भक्त बिना किसी भेदभाव के एक साथ बैठकर महाप्रसादी ग्रहण करते हैं, जो जसोलधाम की परंपराओं और आदशों का अनुपम उदाहरण प्रस्तुत करता है।

